Vedic Manas Yoga is a unique training method whose curriculum has been prepared by blending ancient Vedic and Yogic practices with modern scientific methods. This project of Vedic Manas Yoga is being run under Divya Yoga Mandir Trust.

With the direct guidance and support of Pujya Swami Ramdev Ji and Pujya Acharya Balkrishna Ji, philosophical scholar Shri Arvind Rana Ji is providing his services as the coordinator and master trainer of this program. Along with Pujya Acharya Balkrishna Ji and Shri Arvind Rana Ji, the entire team of scientists of Patanjali Research Foundation is continuously researching on this subject.

The Vedic Manas Yoga curriculum which gave good results in children between the ages of 5 and 15 has also been prepared for adults. By following this methodology, a person can see even without eyes, so we have prepared a separate curriculum for blind children and we are getting very good results from it as well. By practising this method for a long time, even children born blind can see big objects and recognize different colours.

We want that every human being living on this earth should not only be mentally healthy but their level of consciousness should also be high so that happiness and peace can spread in society, the nation, and the world.

In Hindi

वैदिक मानस योग अपने आप में एक अनोखा ट्रेंनिंग माड्यूल है। प्राचीन वेदोक्त योग विद्या के साथ आधुनिक वैज्ञानिक विधाओं का सम्मिश्रण करके इसका अभ्यासक्रम तैयार किया गया है। दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के अंतर्गत वैदिक मानस योग का यह प्रोजेक्ट चल रहा है।

पूज्य स्वामी रामदेव जी तथा पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी के सीधे मार्गदर्शन एवं सहयोग से दार्शनिक विद्वान श्रीमान अरविंद राणा जी इस कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर एवं मास्टर ट्रेनर के रूप में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है। पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी तथा श्रीमान अरविंद राणा जी के साथ पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन के वैज्ञानिकों की पूरी टीम इस विषय पर अनुसंधान का कार्य निरंतर कर रही है।

5 से 15 वर्ष की आयु वाले बच्चों में ही जो अच्छे परिणाम देता था वह वैदिक मानस योग का वयस्कों के लिए भी अभ्यासक्रम तैयार कर दिया गया है। यह सब वैदिक मानस योग की टीम का पुरुषार्थ और रिसर्च का ही सुपरिणाम है। इस विद्या को सीख कर व्यक्ति बिना आंख के भी देख लेता है इसलिए ब्लाइंड बच्चों के लिए भी हमने अलग से अभ्यासक्रम तैयार किया है और उसका भी बहुत अच्छा परिणाम मिल रहा है। इस विद्या का लंबे समय तक निरंतर अभ्यास कराए जाने से जन्मांध बच्चें भी बड़े-बड़े ऑब्जेक्ट्स को देख लेते हैं और उसके कलर को भी पहचान लेते है। इस पर और आगे रिसर्च कार्य चल रहा है।

हम चाहते हैं कि इस धरती पर रहने वाला प्रत्येक मनुष्य न केवल मानसिक रूप से स्वस्थ हो, अपितु उनकी चेतना का स्तर भी ऊंचा हो, जिससे समाज में, राष्ट्र में, तथा विश्व में सुख शांति का विस्तार हो।